मन तो चातक ठहरा।

इंतजार-आखिर कब तक।

धैर्य व संयम।

नव निर्माण का स्वप्न।

तुझको ही प्यार करूं।

सुहाने तराने सुनाओ।

ओझल यहां उजाले हैं।

तुमसे वादा मेरा।

मुक्त गगन के पंछी हम।

दिन बीते जाते हैं।

बसा ले मुझको।

जाना है कहाँ।

बाकी है।

संगीत भर दिया।

टूटे दिल की पीड़ा।

लम्हे कब आएंगे।

मैं लोकतंत्र बोल रहा हूँ।

सूरज और जनता।

हिंदी भारत की भाषा।
हिंदी भारत की भाषा।
हिंदी भारत की भाषा है
हिंदी ही हिंदुस्तान है।
हर भाषा से प्रेम सिखाती
सर्वोत्तम इसका स्थान है।
आदिकाल से हिंदी ने
जन जन में प्रेम जगाया है
संपर्क बनी जन मानस की
हर दिल में भाव जगाया है।
तुलसी, सूर, कबीर, रसखान
सबने हिंदी को अपनाया है
अपनी रचनाओं से सारे
जग में प्रकाश फैलाया है।
बिहारी, केशव, मीरा ने भी
हिंदी को अपनाया है
अपने भक्ति के गीतों से
प्रेम भाव समझाया है।
युगों युगों से लड़ती आयी
कितने ही तूफानों से
अटल अकंटक डटी रही
कैसे भी अंजामों से।
सब धर्मों औ ग्रंथों का
हिंदी से भाई चारा है
सबने इसको है अपनाया
औ इसको ही स्वीकारा है।
हिन्दू, मुस्लिम, सिख, ईसाई
सबसे इसका नाता है
इसको सारे ही भाते हैं
सब इसको अपनाते हैं।
आओ इसका सम्मान करें
ये भारत की भाषा है
हिंदी है अभिमान हमारा
ये भारत की अभिलाषा है।
✍️©️अजय कुमार पाण्डेय
हैदराबाद
13सितंबर,2020

रात का अंतिम पहर।

रोटी की चाहत।

जनमत के सरोकार।

प्रतिवाद जरूरी है।

खुद से प्यार करो।

साथी की भी सुन लेना।

प्रतीक्षा।

स्वार्थ से लोभ।

प्रत्यंचा।

मील का पत्थर।

मन के पट खोल।

धीरे धीरे पांव बढ़ाये जा।

सूरज भी है ढलता।

ऐसे भाव सजाना साथी
ऐसे भाव सजाना साथी गीतों की प्रिय मधुशाला से जब प्रेम पियाली छलकाना, दो बूँद अधर को छू जाये ऐसे भाव सजाना साथी। हमने भी कुछ गीत लिखे पर शायद...
-
गीतों में कहानी साथी गीतों के मधुवन में हमने भी बोये गीत नए, कुछ गीतों में विरह वेदना औ कुछ में लिखी कहानी है। दो चार कहानी नयनों की दो चार ...
-
कितना देखा भाला लेकिन कुछ भी जान नहीं पाये। थी पहचानी गलियाँ लेकिन कुछ अनुमान नहीं पाये। पल-पल भेष बदलते देखा क्या जाने क्या अनजाने, अपनी ही...
-
जिंदगी ये छाँव है सुख-दुख हर्ष-शोक सब जिंदगी के पड़ाव हैं धैर्य पूर्व सब सहो तो जिंदगी ये छाँव है दो कदम के रास्ते हैं दो कदम के फासले दो कदम...