मां तेरे दर पर आया हूँ।
तेरे दर आया हूँ मैया
मेरा भी उद्धार करो
शरण चरण में दे दो मुझको
मेरा बेड़ा पार करो।
झूठा सारा जग लागे
अपनी शरण में ले लो मैया
मेरी भी किस्मत जागे।
शीश नवाये बैठा हूँ माँ
सिर पर मेरे हाथ धरो
तेरे दर आया हूँ मैया
मेरा भी उद्धार करो।
वर्षों से मैं फँसा हुआ हूँ
जाने कितने आशंका में
नहीं सूझती राह मुझे
निकलूं कैसे अब शंका से।
माँ तू तो अंतर्यामी है
सारे जग की स्वामी है
सिर मेरे हाथ धरो मां
मेरा भी उद्धार करो।
तेरे दर आया हूँ मैया
मेरा बेड़ा पार करो।।
कर जोड़ करूं विनती मैया
अपनी कृपा सदा रखना
जग के सब संताप मिटे माँ
बहे प्रेम का शीतल झरना।
तू ही दुर्गा तू ही काली
तू सारे जग की रखवाली
दर पर तेरे जो भी आया
गया नहीं कभी वो खाली।
तेरे दर आया हूँ मैया
मेरा भी उद्धार करो
शरण चरण में दे दो मुझको
मेरा बेड़ा पार करो।।
✍️©️अजय कुमार पाण्डेय
हैदराबाद
17अक्टूबर,2020
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