बाकी है।

बाकी है            

बहुत खामोशियाँ पसरी
अभी क्या बात बाकी है
दिलों के दरमियाँ शायद
कहीं कुछ बात बाकी है।

ये तेरी मौन आवाज़ें
हमेशा बात करती हैं
यूँ लगता है तेरे दिल मे
अभी जज्बात बाकी है।

इन आँखों की जुगलबंदी
इशारे और करते हैं
लगता है के इस दिल में
कोई तूफान बाकी है।

लरजते होठ ये तेरे
कहानी और कहते हैं
अब तुम्ही कहो कुछ कि
अभी तो रात बाकी है।।

 ✍️©️अजय कुमार पाण्डेय
      हैदराबाद
     19सितंबर,2020

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

प्यार में पीर लें पीर को प्यार दें

 प्यार में पीर लें पीर को प्यार दें एक दूजे को हम इतना अधिकार दें, के प्यार में पीर लें पीर को प्यार दें। एक कसक सी न रह जाये दिल में कहीं, ...