माँ गंगे।

माँ गंगे।  

कल कल निर्मल अविरल अनहद
प्राणदायिनी मुक्तिवाहिनी माँ गंगे।
सुरसरि पावन मधुर मन भावन
मोक्षदायिनी पुण्यवाहिनी माँ गंगे।
जीवन रक्षिणी विकास वाहिनी
पतितपावनी स्नेहदायिनी माँ गंगे।
झर झर हर हर भर भर स्नेहिल
सुवासित व्यवहारदायिनी माँ गंगे।
मन निर्मल तन कोमल करती
भाव भाव अभिवादन भरती 
भारत भूमि को पावन करती
रोगहारिणी जीवदायिनी माँ गंगे।
जन उद्धारिणी जीवन तारिणी
जन कष्टनिवारिणी है माँ गंगे
हिमाच्छादित गोमुख से निकली
विष्णुपदी स्वर्ग का है वरदान
अमृतवाहिनी पंचामृत जल
माँ जन जन भरती प्राण।।

✍️©️अजय कुमार पाण्डेय
      हैदराबाद
      26जनवरी, 2021


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