हौसला रख तू ज़िन्दगी।
हौसला रख तू ज़िन्दगी
फिर सुबह मुस्कुराएगी
आज जो कैद है तू
तो कल फिर बाहर आएगी।
इक संकट ने निःशक्त किया
तेरे अस्तित्व पर घात किया
रख तू हौसला प्रतिपल
इनसे ही जंग जीती जाएगी।
हौसला रख तू ज़िन्दगी
फिर सुबह मुस्कुराएगी।।
जो आज कैद है कमरों में
दूर कर अपने मन के अंधेरों को
इरादे जो बुलंद रहेंगे तेरे
तो सपने सच होंगे सारे।
अंधेरी राहों में दीप जला
राहों को आसान बनाएगी
हौसला रख तू ज़िन्दगी
सुबह फिर मुस्कुराएगी।।
क्या निशा प्रभात को कभी रोक पाएगी
इतना कमजोर तो नही तू कि
विपदाएँ तेरे हौसलों को तोड़ पाएंगी
तुझमें जीतने की शक्ति है
उठ चल पड़ेगा जब तू
मंज़िल भी मिलेगी तुझको
मिलने का आनंद फिर आएगा।।
हौसला रख तू ज़िन्दगी
हौसलों से तू हर जंग जीत जाएगा।।
अजय कुमार पाण्डेय
हैदराबाद
25मार्च 2020
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