मुक्तक

लड़कपन में लिखी जो भी कहानी याद है हमको।
किताबों में छिपाई जो निशानी याद है हमको।
वही हम हैं वही तुम हो भले ये वक्त बदला है,
बिताए संग में जो-जो जवानी याद है हमको।

लिखेंगे गीत वादों के बना मनमीत यादों को।
दिलों की भावनाओं को निगाहों के इरादों को।
न पूछो कैसे बीते हैं वो लम्हे बिन कहानी के,
डुबोये आंसुओं ने जिनमें चाहत की निशानी को।

के दिल में है मेरे क्या-क्या मेरी धड़कन बताएगी।
तुम्हारी चाह कितनी है मेरी हिचकी बताएगी।
सुनाऊँ कैसे मैं तुमको गुजारे कैसे सावन ये,
मेरी पलकों की हालत को ये बरसातें बतायेंगी।

तुम्हारे बाद गीतों के वो सारे शब्द खोये हैं।
लिखे जो व्याकरण में प्रेम के सारे शब्द खोये हैं।
बहुत मुश्किल से ढूँढा हूँ तुम्हारी इक निशानी को,
औ गाया जब इसे मैंने वो सारे शब्द रोये हैं।

आँसू की सियाही से लिखे जो गीत अब खोये।
यादों की रिहाई से जो निकले गीत सब खोये।
भूली हर कहानी अब कहाँ तक याद रहती है,
गिरे जब बूँद पलकों से कपोलों पर सभी खोये।

कभी कुछ खो दिया हमने कभी कुछ पा लिया हमने।
कि आयी याद जब उनकी दिलासा दे दिया हमने।
सिमट कर बूँद को कोरों पे आकर सूखने से पूर्व,
पलकों की सियाही से उन्हें फिर गा लिया हमने।

तुम्हारा साथ यदि हो तो खिलेंगे फूल राहों में।
के कंटक हों भले कितने चलेंगे दूर राहों में।
बहुत मुश्किल सफर ये जिंदगी का हमको लगता है,
चलेंगे संग-संग जब हम हँसेंगे धूल राहों में।

यही चाहत है इस दिल की तुम्हारे गीत मैं गाऊँ।
तुम्हारा दर्द हर पाऊँ तुम्हारी प्रीत मैं पाऊँ।
अब नहीं कुछ चाह इस दिल की यही बस कामना बाकी,
के तुम्ही से हार कर के मैं खुद से जीत मैं जाऊँ।

तुम्हारे बिन सुबह कोई न कोई शाम होती है।
करूँ जब बात कोई भी तुम्हारी बात होती है।
गुजरने को गुजरती हैं ये रातें हर घड़ी हर पल,
तुम्हारे साथ जो बीती नहीं वो रात होती है।

हजारों गीत लिखे पर कोई भी गा नहीं पाये।
अपने दिल की चाहत को कभी दिखला नहीं पाये।
यूँ मजबूरियों ने बाँध रक्खा मेरे कदमों को,
मिले अवसर कई लेकिन कभी हम आ नहीं पाये।

तुम्हारे पास आता हूँ तो खुद को हार जाता हूँ।
के नयनों की नजाकत में मैं दिल को हार जाता हूँ।
नहीं रहता नियंत्रण जब कभी तुम पास आ जाओ,
मैं सबसे जीत जाता हूँ तुम्हीं से हार जाता हूँ।

गुजरते शाम के आँचल में कुछ बाकी निशानी है।
मचलते कामनाओं की महकती रातरानी है।
हैं माना दूर हम लेकिन मगर इक डोर ऐसी है,
बँधी जिससे गुजारे वक्त की सारी कहानी है।


अधर पर नाम जब आया नयन गीले हुए होंगे।
हमारी चाहतों में पुष्प सभी पीले हुए होंगे।

हमारी याद में उनके नयन गीले हुए होंगे।

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