एक उम्र का सफर

एक उम्र का सफर

अजनबी है राहें और अजनबी ये जिंदगी,
एक उम्र का सफर यहाँ तय कर रहे सभी।
क्या जाने किस गली में ही मिल जाये जिंदगी,
एक उम्र का सफर यहाँ तय कर रहे सभी।

चलना कहाँ ठहरना कहाँ कब अपने हाथ था,
ये वक्त उम्र भर कहो कब किसके साथ था।
एक पल में जो मिली है हमें वो है जिंदगी,
एक उम्र का सफर यहाँ तय कर रहे सभी।

किस्मत ये कब किसी की कहो हरपल सगी हुई,
कल तक जो साथ-साथ थी कल और की हुई।
किस्मत से जो मिला है हमें वही है जिंदगी,
एक उम्र का सफर यहाँ तय कर रहे सभी।

क्या जाने मोड़ कौन सा हम सबको जुदा करे,
अपने-अपने हिस्से का हक़ हम अदा करें।
एक दूजे की करें यहाँ हँसकर के बंदगी,
एक उम्र का सफर यहाँ तय कर रहे सभी।

©✍️अजय कुमार पाण्डेय
       हैदराबाद
       17 दिसंबर, 2024

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