छठ

छठ क्या है

क्या बताऊँ छठ क्या है
इसे शब्दों में बाँध पाना असंभव है।
छठ भावनाओं का सागर है,
छठ प्रेम प्रतिज्ञा की गागर है।
छठ त्याग का प्रतीक है,
छठ सुहाग की जीत है।
छठ भक्ति का सागर है
जिसमें पुण्य जन्म के मिलते हैं।
छठ माँ का वो आँचल है,
जिसकी छाँव तले हम पलते हैं।
छठ त्याग, तपस्या, समर्पण है,
छठ भावनाओं का दर्पण है।
ये महज व्रत नहीं है ये,
जीवन का आधार है।
ये पर्व सनातन का स्तंभ है,
ये नैतिकता का व्यवहार है।
इसकी महिमा शब्दों में मुश्किल है
रेलों की भीड़, बसों की भीड़
चेहरों की उत्सुकता, बच्चों की रौनक है,
छठ महज पर्व नहीं है ये जीवन है।
उगते सूरज को सभी पूजते हैं,
हम डूबते सूरज को भी पूजते हैं।
इसमें कोई छोटा बड़ा नहीं होता
कोई ऊंच नीच नहीं होता है
भावनाओं से रिश्तों को सींचते हैं।

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