जब रूठेगा हृदय हमारा,
तब इस दिल में प्यार न होगा।
कितनी बातें कहें सुनेंगे,
शूल हृदय में कहीं चुभेंगे।
बातों से जब छलनी होगा,
पायेगा जब पग-पग धोखा।
जब टूटेगा हृदय हमारा,
नयनों पर अधिकार न होगा।
बस गीतों में प्रेम बुनेंगे,
राहों के अवरोध चुनेंगे।
तुमसे दिल की बात कहेंगे,
नयनों में नव स्वप्न सजेंगे।
जब टूटेगा स्वप्न हमारा,
पलकों का आभार न होगा।
हम-तुम जब तक साथ चलेंगे,
खुशियों के सब फूल खिलेंगे।
छूटेगा जो साथ हमारा,
टूटेगा विश्वास हमारा।
तब न लगेगा कोई प्यारा,
फिर कोई श्रृंगार न होगा।
आँसू का जब मोल न होगा,
बातों का भी मोल न होगा।
जब कोई व्यवहार न होगा,
जब मन में उजियार न होगा।
सत्य फिरेगा मारा-मारा,
फिर सुंदर संसार न होगा।
©✍️अजय कुमार पाण्डेय
हैदराबाद
12अक्टूबर, 2023
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