संकल्प
जिनके कारण आजादी का हम ये उत्सव मना रहे हैं।
व्यक्ति-व्यक्ति से पंक्ति बनी है पंक्ति-पंक्ति से बनी लकीरें
इन्हीं लकीरों के बनने से बनी राष्ट्र की तकदीरें
नमन राष्ट्र के उन वीरों को जिनकी गाथा सुना रहे हैं
आज द्वार पे.........।
रानी झाँसी, तांत्या टोपे, मंगल पांडे, वीर शिवाजी
जिनकी एक अलख ने जग से दूर करी थी सभी उदासी
लाल, बाल, पाल के प्रण ने जीवन में उम्मीद जगाई
आजाद, भगत सिंह, राजगुरु के प्रण ने नूतन राह दिखाई
जिनके कारण कितने सपने नयनों में हम जगा रहे हैं
आज द्वार पे........।
वीर सुभाष, पटेल, महामना, नेहरू, गाँधी, बाबा साहेब
जिनके त्याग समर्पण ने हमको दिन ये दिखलाया
है नमन सभी उन रणवीरों को जीना जिसने सिखलाया
हँस कर हर फंदे को चूमा और अरि को धूल चटाई है
जिनके त्याग समर्पण से नित नूतन पुष्प खिला रहे हैं
आज द्वार पे.......।
सावरकर का काला पानी भूल नहीं सकता है भारत
आजादी के पुण्य भाव को जिनके प्रण ने किया है स्वारथ
सेलुलर जेल की दीवारें जिनके कारण मुस्काई हैं
जिनके लिखे ग्रन्थ में खुलकर भारत माता मुस्काई है
जिनके लिखे राष्ट्र ग्रन्थों से भारत भूमी नहा रही है
आज द्वार पे.....।
आतंकी मंसूबों को जिन वीरों के प्रण ने तोड़ा है
प्राणों की आहुति देकर जिन वीरों ने भारत जोड़ा है
सीने पर गोली खा-खाकर भारत की शान बचाई है
जिनके खून पसीने से धरती पर हरियाली छाई है
जिनके उद्द्यम के बल से ही धरती पुष्प खिला रही है
आज द्वार पे......।
राष्ट्र विरोधी नारों को अब जड़ से हमें मिटाना होगा
इस धरती में जन्म लिया है सबको फर्ज निभाना होगा
इतिहासों से न्याय नहीं तो फिर वर्तमान पछतायेगा
भूत काल से सीख न पाये भविष्य फिर ठोकर खायेगा
वर्तमान के अभियानों से जो पथ भविष्य का सजा रहे हैं
आज द्वार पे.......।
शांति दूत हैं हम दुनिया को गीता का पाठ पढ़ाते हैं
जो जिस भाषा में समझेगा हम वैसा ही समझाते हैं
है अहिंसा परम धर्म पर धर्म की रक्षा फर्ज हमारा
राष्ट्र धर्म के पावन ध्वज से जुड़ा सभी संकल्प हमारा
राष्ट्र वाद के संकल्पों से जो जीवन का पथ सजा रहे हैं
आज द्वार पे.......।
©✍️अजय कुमार पाण्डेय
हैदराबाद
15अगस्त, 2023
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