हम न होंगे पर वो लम्हे गुनगुनायेंगे
साथ चल न सके जो जुदा हो गये
मोहब्बत के अब वो खुदा हो गये
रात भर चाँद से बात होती रही
तेरे ख्वाब ने मुझको न सोने दिया
कैसे मानूँ के मैं याद आता नहीं
इन आँखों ने कह दी कहानी सभी
मुझसे नजरें चुरा कर भले चल दिये
बस, आईना देखिएगा जरा सोच के
कुछ है बाकी निशानी मेरे प्यार की
बेसबब आईना तुमने चूमा न होता
रात भर हिचकियों ने सताया मुझे
और कहते हैं मैं याद आता नहीं
याद करना ही मोहब्बत की निशानी नहीं देव
भूल जाना भी मोहब्बत हुआ करती है
भूल जाना किसी को बड़ी बात नहीं है देव
फिर याद न आना बड़ी बात हुआ करती है
कौन कहता है कि अब हम उन्हें याद नहीं हैं
कमबख्त हिचकियाँ आज भी सोने नहीं देती
जिंदगी एक दिन तू भी ये मान लेगी
मेरी शख्शियत क्या है पहचान लेगी
हर पल मंजिलों पे नजर रखता हूँ
ऐ जिंदगी हर रोज सफ़र करता हूँ
खुद ही बोले खुद ही खफा हो गये
और कहते हैं हम बेवफा हो गये
अब तो तन्हाईयाँ भी सताती नहीं
तेरी रुसवाईयाँ रास आने लगीं
जिन्हें मेरी परछाइयाँ भी गँवारा नहीं
उम्र भर दुश्मनी क्या निभायेंगे वो
जीवन के अँधियारे में रोशनी की आस हैं दोस्त,
बेचैनियों में भी इस दिल के सबसे पास हैं दोस्त।
मुश्किल हालात में जब कुछ भी नहीं सूझता दिल को,
आँख का अश्रु, अधरों की हँसी, मौन जज्बात हैं दोस्त।
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