इस सफर को चलो हम नया नाम दें।
इस सफर को चलो हम नया नाम दें
मन की पीड़ाओं को करें हम परे
इक दूजे को न कोई इल्जाम दें।।
तुम मुझे थाम लो मैं तुम्हें थाम लूँ
मैं तुम्हें हाथ दूँ तुम मुझे हाथ दो
तुम्हारी धरा को मैं अपना कहूँ
तुम भी मुझसे मेरा आकाश लो।।
स्वप्न में भी कभी आस टूटे नहीं
रिश्तों को इक नया फिर आयाम दें
भागती दौड़ती जिंदगी का सफर
इस सफर को चलो हम नया नाम दें।।
सिर्फ यादों में ही रह न जाये कहीं
छूट जाये न मुट्ठी से लम्हे कहीं
जिक्र साँसों में जब भी कहीं भी चले
मेरी हर साँस में बस तेरा नाम हो।।
जीतने की खुशी में यूँ बहके नहीं
एक दूजे को हम इतना सम्मान दें
भागती दौड़ती जिंदगी का सफर
इस सफर को चलो हम नया नाम दें।।
हर कदम जिंदगी की कहानी नई
साथ हम तुम लिखें जिंदगानी नई
मैं तुम्हें प्यार दूँ तुम मुझे प्यार दो
मेरे गीतों को साँसों से आकार दो।।
पृष्ठ पर लेखनी अब लिखे इस कदर
छंद-छंद गीत का प्रेम का भान दे
भागती दौड़ती जिंदगी का सफर
इस सफर को चलो हम नया नाम दें।।
©✍️अजय कुमार पाण्डेय
हैदराबाद
02सितंबर, 2022
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