वरदान है हिंदी।

वरदान है हिंदी।  

मेरे अंतस के भावों की मधुर पहचान है हिंदी
हमारी आन हमारा मान हमारी शान है हिंदी
कई भाषा कई बोली कई लिपियों की जननी है
जो सबको सूत्र में बाँधे वो हिंदुस्तान है हिंदी।।

दिलों को जोड़ती है ये मनुज को पास लाती है
अँधेरा हो घना कितना ज्ञान की लौ जलाती है
चाहे पूरब हो पश्चिम हो या उत्तर हो दक्षिण हो
जो सभी के भाव हर्षाये नवल निर्माण है हिंदी।।

दिलों में प्रीत का पोषक सुखद आधार है हिंदी
शिक्षा, संस्कृति, ज्ञान, आचरण औ व्यवहार है हिंदी
जलाये प्रेम का दीपक औ मिटाये द्वेष जो मन से
दिलाये जो मनुजता को उचित अधिकार है हिंदी।।

कभी मीरा, कभी तुलसी, कभी रसखान है हिंदी
हृदय के भाव जो समझे वही अभियान है हिंदी
बढ़ाएं मान हम इसका मिटा कर द्वंद भाषा के
लिखे जो गीत उन्नति के वही वरदान है हिंदी।।

©✍️अजय कुमार पाण्डेय
        हैदराबाद
        12सितंबर, 2022

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