आँसू।
दिल की तनहाई के जज्बात हमारे आँसू
अनकहे भाव के सौगात ये प्यारे आँसू।।
लाख चाहा मगर पलकों से सँभाला न गया
टूट कर गिर गये बन करके सितारे आँसू।।
अजब ही दौर है दुनिया के चलन का यारो
हैं ये बिगड़े हुए हालात के हैं मारे आँसू।।
आ के रुक जाते हैं पलकों के किनारे अकसर
चाह कर कह न सके कुछ भी बिचारे आँसू।।
किससे शिकवा करें ऐ "देव" शिकायत किससे
बन के मुजरिम खड़े हैं आज हमारे आँसू।।
©✍️अजय कुमार पाण्डेय
हैदराबाद
10सितंबर, 2022
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