अनगिन खुशियाँ लेकर आया राखी का त्योहार।।
अनगिन खुशियाँ लेकर आया राखी का त्योहार।।
ये जग भूल भुलैया है इक, भटक रहे हैं सारे
सुख शांति की खातिर अपना सबकुछ हैं हारे
ऐसे में मन की शीतलता का है ये आधार
अनगिन खुशियाँ लेकर आया राखी का त्योहार।।
सावन की मस्ती में कोयल मधुमय गीत सुनाती
मेघों के मृदु ताप पे बरखा रानी भी मुस्काती
चहुँ ओर है हरियाली और बह रही मृदुल बयार
अनगिन खुशियाँ लेकर आया राखी का त्योहार।।
आज धरा ने चंदा मामा को संदेशा भिजवाया
इंद्रधनुषी राखी बाँधी माथे तिलक लगाया
सच है दुनिया में सबसे सच्चा भाई बहन का प्यार
अनगिन खुशियाँ लेकर आया राखी का त्योहार।।
©✍️अजय कुमार पाण्डेय
हैदराबाद
01अगस्त, 2022
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