गीत का संसार लिख दूँ।
गीत का संसार लिख दूँ।।
चाहता हूँ आज लिख दूँ
जो कभी मैं कह न पाया
चाहता हूँ आज कह दूँ
बिन तिरे मैं रह न पाया
जो कहो अपने हृदय में
प्रीत पारावार लिख दूँ
भाव शब्दों में पिरो कर
गीत का संसार लिख दूँ।।
वेदना के निज पलों में
सब गीत आँसू से सने
न शरण, न संकेत कोई
पलकें स्वप्न कैसे बुने
वेदना ठहरी पलक पर
जो कहो अधिकार लिख दूँ
भाव शब्दों में पिरो कर
गीत का संसार लिख दूँ।।
साथ हो पल भर भले ही
प्रीत के पल जी उठेंगे
अधरों पर पल भर सजे जो
गीत सारे जी उठेंगे
अंक में तेरे बिखर कर
स्वप्न सब साकार लिख दूँ
भाव शब्दों में पिरो कर
गीत का संसार लिख दूँ।।
©✍️अजय कुमार पाण्डेय
हैदराबाद
25अप्रैल, 2022
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