गान अमर सब हो जायेंगे।

गान अमर सब हो जायेंगे।   

मेरे गीतों के भावों में
जो तुम अपना भाव मिला दो
सच कहता हूँ यहाँ लिखे जो
गान अमर सब हो जायेंगे।।

यहाँ वहाँ से शब्द जोड़कर
पंक्ति-पंक्ति में भाव मिलाये
छंद-छंद अरु चरण-चरण में
अब तक खुद को हूँ भरमाये
जो तुम मेरे इन शब्दों को
अधरों का मधुपान करा दो
सच कहता हूँ यहाँ लिखे जो
गान अमर सब हो जायेंगे।।

इस जीवन के सभी पलों में
मैंने खुद को समझाया है
इस जगती से मिला मुझे जो
सबको हँसकर अपनाया है
माना तुच्छ भेंट है मेरी
थोड़ा सुख का भान करा दो
सच कहता हूँ यहाँ लिखे जो
गान अमर सब हो जायेंगे।।

अति आस नहीं अभिलाष नहीं
अरु सभी सराहे चाह नहीं
ममता के कुछ भाव मिले, बस
इस जगती से है आस यही
मुझको अपने होने का तुम
बस मधुरिम अहसास करा दो
सच कहता हूँ यहाँ लिखे जो
गान अमर सब हो जायेंगे।।

©✍️अजय कुमार पाण्डेय
         हैदराबाद
         01अप्रैल, 2022





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