पग पग हमको राह दिखाए।
( शिक्षक दिवस पर गुरु को समर्पित रचना )
जब जब भी पाँव लड़खड़ाए
तब तब ज्ञान दिया है गुरु ने
पग पग हमको राह दिखाए।।
घनी अँधेरी रातों में भी
बनकर दीप हरा अँधियारा
ज्ञान दिया सम्मान दिलाया
पथ पथ फैलाया उजियारा
जब जब हम भटके राहों में
और जहाँ भी हम घबराए
तब तब ज्ञान दिया है गुरु ने
पग पग हमको राह दिखाए।।
राष्ट्र धर्म और मानवता का
राह प्रमुख है ये बतलाया
ऊँच नीच का भेद गलत है
जीवन में हमको समझाया।।
जब जब भी बेचैन हुए हम
अरु जब जब भी हम भरमाये
तब तब ज्ञान दिया है गुरु ने
पग पग हमको राह दिखाए।।
लिखूँ शब्द क्या मैं महिमा में
इतना मुझमें सामर्थ्य कहाँ
वहीं लेखनी मुस्काती है
मिले गुरू का आशीष जहाँ।।
लेखनी जब भी घबराई है
ज्ञान योग के दीप जलाए
पल पल ज्ञान दिया है गुरु ने
पग पग हमको राह दिखाए।।
©️✍️अजय कुमार पाण्डेय
हैदराबाद
04सितंबर, 2021
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