दुनिया में तेरा मान रहे।
ऊंचा तेरा सम्मान रहे
जब तक ये सूरज चन्द्र रहे
दुनिया में तेरा मान रहे।।
मेरे जैसे कितने जीवन
तेरी गोदी में पलते हैं
क्या मुरझायेगा पुष्प यहाँ जो
तेरी माटी में खिलते हैं।
तूने सींचा तूने पाला
ऊंचा ये तेरा भाल रहे
जब तक ये सूरज चन्द्र रहे
दुनिया में तेरा मान रहे।।
इस गोदी में गाँधी गौतम
श्री राम कृष्ण बलराम पले
वीर शिवाजी, राणा, लक्ष्मी
अरु कण कण में भगवान पले।
गीता वेद पुराण उपनिषद
रहती दुनिया तक ज्ञान रहे
जब तो ये सूरज चन्द्र रहे
दुनिया में तेरा मान रहे।।
नदियों में तेरी खुशियाँ हैं
खेतों में खिलती कलियाँ हैं
कर रही सुशोभित दुनिया को
ऐसी रोशन ये गलियाँ हैं।
तुझसे दुनिया को ज्ञान मिला है
हर दिल में ये अभिमान रहे
जब तक ये सूरज चन्द्र रहे
दुनिया में तेरा मान रहे।।
बस इतनी सी चाहत मेरी
जनम जनम तुझको ही पाऊँ
जब जब भी कोई गीत रचूं
और नहीं बस तुझको गाऊँ।
तुझसे ही है जीवन मेरा
अरु तुझपर अर्पित जान रहे
जब तक ये सूरज चन्द्र रहे
दुनिया में तेरा मान रहे।।
©️✍️अजय कुमार पाण्डेय
हैदराबाद
15अगस्त, 2021
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