तुमसे इतना प्यार मिला है।
तुमसे इतना प्यार मिला है
ऐसा लगता है जीवन में
जीवन पहली बार मिला है।।
भटका भटका जीवन कितना
तुमसे मिलकर मैंने जाना
खुद से दूर हुआ था कितना
तुमको देखा तब पहचाना
दर्पण के चेहरे में मुझको
खुशियों का अंबार मिला है
पीड़ा का पथ हुआ सुनहरा
तुमसे इतना प्यार मिला है।।
गुम था मैं तो वीराने में
सन्नाटे में पड़ा हुआ था
सागर के नजदीक रहा पर
प्यासा ही मैं पड़ा हुआ था।
तेरे चाहत की बारिश से
जीवन में मधुमास खिला है
पीड़ा का पथ हुआ सुनहरा
तुमसे इतना प्यार मिला है।।
तेरी चाहत की छाया में
बिखरा जीवन खिल जाएगा
अँधियारे में जलते जलते
दीपक सूरज बन जायेगा।
नीरसता से भरे गगन को
अब बाहों का हार मिला है
पीड़ा का पथ हुआ सुनहरा
तुमसे इतना प्यार मिला है।।
©️✍️अजय कुमार पाण्डेय
हैदराबाद
15अगस्त, 2021
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