नव प्रभात आशाभिलाष

नव प्रभात आशाभिलाष।  

नव प्रभात आशाभिलाष
सुरभित पुलकित महाकाश
उर उर स्पंदित नव चेतन
सुभग मनोहर मोहपाश।।

प्रबुद्ध शुद्ध वातायन करती
मानव मूल्य चेतना भरती
करती आशा का विकास
नव प्रभात आशाभिलाष।।

शीतल सौम्य दृश्य मनभावन
कानन कानन समुचित पावन
भावों में विस्तृत प्रकाश
नव प्रभात आशाभिलाष।।

मधु सुरम्मित नव नभ सुष्मित
हर्षित, पुलकित हिय आह्लादित
आच्छादित नव मधु प्रकाश
नव प्रभात आशाभिलाष।।

©️✍️अजय कुमार पाण्डेय
        हैदराबाद
        05अप्रैल, 2021


कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

प्यार में पीर लें पीर को प्यार दें

 प्यार में पीर लें पीर को प्यार दें एक दूजे को हम इतना अधिकार दें, के प्यार में पीर लें पीर को प्यार दें। एक कसक सी न रह जाये दिल में कहीं, ...