नई भोर बड़ी मतवाली है।
बादल के पीछे जो छुपी नई भोर बड़ी मतवाली है।
कदम कदम अँधियारे कितने
तुझको राहों में टोकेंगे
औ जाने कितनी ही मुश्किल
तुझको बढ़ने से रोकेंगे।
लेकिन तुम झुक जाना ना चाहे रात भले ही काली हो
बादल के पीछे जो छुपी नई भोर बड़ी मतवाली है।।
साथ कोई आये न आये
राहों के तू साथ चला चल
नहीं किसी से कभी शिकायत
हँस कर तू सब ओर मिलाकर।
दूर क्षितिज के पार हँस रही उम्मीदों की लाली है
बादल के पीछे जो छुपी नई भोर बड़ी मतवाली है।।
माना तूफानों ने इस पल
तेरा रस्ता रोक दिया है
अनजानी पीड़ा ने तुझको
बढ़ने से अब रोक दिया है।
रात अमावस के आगे ही नव सपनों की दिवाली है
बादल के पीछे जो छुपी है नई भोर बड़ी मतवाली है।।
©️✍️अजय कुमार पाण्डेय
हैदराबाद
26अप्रैल, 2021
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