कैसे गाऊँगा।
गीतों में मेरे रची हो
तुम बिन ना रह पाऊँगा
बोलो कैसे गाऊँगा।।
साथ चले कितने ही सावन
कुछ झुलसाए कुछ मनभावन
कुछ में पीर मिली थी हमको
कुछ पूजा से भी थे पावन।
बीती सारी बातों को मैं
कैसे कहो भुलाऊंगा।
तुम बिन ना रह पाऊँगा
बोलो कैसे गाऊँगा।।
तुम बिन मेरा यौवन सूना
तुम बिन सूनी रातें सारी
तुम बिन मेरी राह अधूरी
तुम बिन मेरी प्रीत बिचारी।
तुम बिन चलना मुश्किल है
कैसे मैं समझाऊँगा।
तुम बिन ना रह पाऊँगा
बोलो कैसे गाऊँगा।।
तुमसे मेरे गीत जुड़े हैं
तुमसे मेरे सपने सारे
तुमसे सारी रीत जुड़ी है
तुमसे मेरे अपने सारे।
तुम ही गीतों की सरगम
मैं तुमको ही गाऊँगा।
तुम बिन ना रह पाऊँगा
बोलो कैसे गाऊँगा।।
©️✍️अजय कुमार पाण्डेय
हैदराबाद
24मार्च, 2021
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