माँ का दरबार।
दूर बसाइउ आपन डेरा,
दरसन कइसे पाइब माँ
पग पग पर ठोकर लागे है,
द्वारे कइसे आइब मां।।
हम बालक नादान अही औ
तू ही अहू दुलारी मइया
हमके अपने चरण बुलावा
तू भक्तन के प्यारी मइया।।
तोहार नेह, आशीष इहाँ
अब हमहूँ कइसे पाइब माँ।
दूर बसाइउ आपन डेरा
दरसन कइसे पाइब माँ।।
धूप, दीप औ बाती लइके
बारी आपन जोहत बानी
अड़हुल फूल हाथ में लइके
ध्यान तिहारे खोवल बानी।
हम बालक नादान अही
कइसे गुहार लगाइब माँ।
दूर बसाइउ आपन डेरा
दरसन कइसे पाइब माँ।।
संकट हमरो दूर करा माँ
गलती सारी क्षमा करा
आपन नेह दिखावा मइया
यहि बालक पर दया करा।
हम पर भी आशीष करा माँ
कइसे भेंट चढ़ाइब माँ।
दूर बसाइउ आपन डेरा
दरसन कइसे पाइब माँ।।
✍️©️अजय कुमार पाण्डेय
हैदराबाद
25अक्टूबर,2020
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