जीवन बड़ा निराला है।
ये जीवन बड़ा निराला है
जहर, कभी अमृत प्याला है
कितने ही सुर बने बिगड़ते
पर गीतों की माला है।
घर में देखा, बाहर देखा
गांव-गांव, शहरों में देखा
हर कोई मतवाला है
ये जीवन बड़ा निराला है।
धूप-छांव की बातें देखी
इक दूजे पर घातें देखी
देखा हार, जीत भी देखा
खुशियों की बरसातें देखी।
सुख-दुख संग संग में देखा
ढलते रंग रंग में देखा
सतरंगों की आला है
ये जीवन बड़ा निराला है।
राजा तो कोई रंक यहां
सब अपने, पर संग कहां
सबकी अपनी अपनी राहें
जीने का अपना ढंग यहां।
निकले कई, कई हैं बाकी
हर कोई खुद अपना साकी
लिए हाथ में प्याला है
ये जीवन बड़ा निराला है।।
✍️©️अजय कुमार पाण्डेय
हैदराबाद
16जुलाई,2020
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