सावन-खुशियों का मौसम।
सावन की बूंदों ने देखो
कैसा खेल रचाया है
तन-मन सब बहका-बहका है
जीवन भी महकाया है।
टिप-टिप बारिश की बूंदें भी
गीत मिलन का गाती है
मौसम ने करवट बदली है
सरगम राग सुनाती है।
इन्द्रधनुष के सतरंगों ने
नभ का रूप सजाया है
कलियों ने घूंघट खोला है
भँवरों ने राग सुनाया है।
गोरी के पायल की रुनझुन
इक संदेशा लायी है,
सागर से मिलने को नदिया
बरबस ही अकुलाई है।
पुरवाई के झोंकों ने भी
राग प्रेम का गाया है,
धरती ने हरियाली ओढ़ी
खुशियों का मौसम आया है।
✍️©️अजय कुमार पाण्डेय
हैदराबाद
12जुलाई,2020
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