हिंदी वर्णमाला कविता
*अ* से अनार, *आ* से आम
मेहनत से बनते सब काम।
*इ* से इमली, *ई* से ईख,
अच्छी सारी बातें सीख।
*उ* उल्लू, *ऊ* से ऊन
सबकी सारी बातें सुन।
*ऋ* से ऋषि, हैं सभी महान
देते सबको अच्छा ज्ञान।
*ए* से एक, *ऐ* से ऐनक,
बच्चे बिना ना भाए रौनक।
*ओ* से ओखली, *औ* से औरत,
सूरत से प्यारी है सीरत।
*अं* अंगूर, *अ:* से कुछ नही
जीवन में डरना कभी नहीं।।
*क* से कबूतर, *ख* से खरगोश,
सोच समझ कर दिखाना जोश।
*ग* से गमला, *घ* से घड़ी
सेना सीमा पर तैनात खड़ी।
*ङ* पर है पूर्ण विराम,
देता सभी को है आराम।।
*च* से चरखा, *छ* से छाता,
शिक्षा से संस्कार है आता।
*ज* से जहाज, *झ* से झरना,
बुरा काम ना कोई करना।
*ञ* पर है पूर्ण विराम
देता है सभी को आराम।।
*ट* से टमाटर, *ठ* से ठठेरा,
सूरज निकला हुआ सवेरा।
*ड* से डमरू, *ढ* से ढक्कन
चुनमुन, गोपू को भाए मक्खन।
*ण* पर भी है पूर्ण विराम
देता है सभी को आराम।।
*त* से तकली, *थ* से थन,
दूध से स्वस्थ हो तन औ मन।
*द* से दवात, *ध* से धनुष,
कर्म बनाये महान मनुष्य।
*न* से होता है नल
समय पर तू विद्यालय चल।।
*प* से पपीता, *फ* फल
फल खाने से मिलता बल।
*ब* से बरगद, *भ* से भवन,
माँ की प्यारी लगे छुअन।
*म* से होती माँ की ममता
नहीं जगत में जिसकी समता।।
*य* से यज्ञ, *र* से रथ,
चलो बनाएं सुंदर पथ
*ल* से लकड़ी, *व* से वन,
सुंदर हो सबका जीवन।
*श* से शहद, *ष* षटकोण,
मतलब हेतु नाता ना तोड़।
*स* से सरौता, *ह* से हल
कोशिश से होती मुश्किल हल।
*क्ष* से क्षत्रिय, *त्र* से त्रिशूल,
उपवन से नहीं तोड़ो फूल।
*ज्ञ* से होता ज्ञानी और ज्ञान,
पढ़ो लिखो और बनो महान।।
✍️©️अजय कुमार पाण्डेय
हैदराबाद
24जुलाई,2020
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