रिमझिम बारिश की बूंदों ने
राग मिलन का गाया है,
लेकर कितनी ही सौगातें
खुशियों का मौसम आया है।
दूर कहीं पपीहरा गाए
कोयल ने राग सुनाया है,
मन में भरने भाव सुहाने
खुशियों का मौसम आया है।
कोंपल फूटें, फसलें झूमें
धरती ने श्रृंगार रचाया है,
तन मन में प्रेम जगाने
खुशियों का मौसम आया है।।
✍️©️अजय कुमार पाण्डेय
हैदराबाद
23जुलाई,2020
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें