हुआ तेरा मैं धीरे से।

     
 हुआ तेरा मैं धीरे से। 


हवाओं ने घटाओं से, कहा कुछ आज धीरे से
बड़ी मद्धम सुहानी है, तेरी हर बात धीरे से।

चाहत का तेरे हरसू, असर है आज साँसों में
हुआ मैं भी दिवाना सुन, तेरा फिर आज धीरे से।

तेरी चाहत का ये बादल, जगाता प्यास धीरे से
हवा पागल सी देखो फिर हुई है,  आज धीरे से।

हुई जो कुछ खता मुझसे, तो तुम बस  मुस्कुरा देना 
भुला दुनिया मैं कहता हूँ,  तेरा  हूँ आज धीरे से।।

✍️©️अजय कुमार पाण्डेय
        हैदराबाद
        25जुलाई,2020

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