किताब


             किताब।                      

खालीपन को भरती हैं किताबें
सूनी राहों की साथी हैं किताबें
हर बीती को सँजोती हैं किताबें
एकाकीपन की बातें हैं किताबें।

त्याग-समर्पण हैं, अनुभुति हैं 
अंधेरों में ज्योति हैं किताबें
ऊंच-नीच या अमीर-गरीब
भेद नहीं बतलाती हैं किताबें।

हर पल कुछ कहती हैं किताबें
पल-पल पास रहती हैं किताबें
विजयी पल हो या हार के क्षण
सदा उत्साह बढाती हैं किताबें।

जीवन की हैं ये पाठशाला 
समाधानों की पुस्तकालय
योग्य बने सब पढ़कर इसको
सफल मार्ग बतलाती हैं किताबें।

बुद्धि, विवेक, शील, संस्कार
उन्नति हैं, शान हैं किताबें
मानवता का मूल सिखाती
सभ्यता हैं विकास हैं किताबें।

शब्दों का अथाह सिंधु हैं
हिमाद्रि का उच्च श्रृंग हैं
बूंद-बूंद ज्ञानामृत हैं ये
सद्ग्रंथों का विचार बिंदु हैं।

जन मन की भावाभिव्यक्ति हैं
आस्था हैं विश्वास हैं किताबें
गीता,बाइबिल, कुरान,गुरुवाणी
भारत की पहचान हैं किताबें।

कितना कुछ कहती हैं किताबें
कितना कुछ देती हैं किताबें
शिक्षा का भंडार  किताबें
जीवन का अभिप्राय हैं किताबें।।

 ©अजय कुमार पाण्डेय
    हैदराबाद
 ✒️09 मई, 2020

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