तेरी चाहत ने देखो ये क्या कर दिया
दिल को ही दर्द का आसरा कर दिया।
कैसा पर्दा मेरे दरमियाँ कर दिया
मुझको ही मुझसे जुदा कर दिया।
ज़माने से दर्द हज़ारों मिले
दर्द को तुमने दवा कर दिया।
हर तरफ तू ही तू अब दिखे है मुझे
कैसा आलम तूने यहां कर दिया।
महफ़िल में मिले हम, सबों की तरह
तेरी चाहत ने मुझे तन्हा कर दिया।
चाहत का राज़ भर के दिल में जिये
जब चाहा तूने खुद रज़ा कर दिया।
प्यार करने की तेरी कैसी ये रीति है
प्यार को दर्द का आसरा कर दिया।
दर्द की दवा यूँ तो चाहते हैं सभी
पर खुद को ही मैंने फना कर दिया।
तेरी चाहत ने देखो ये क्या कर दिया,
दिल को ही दर्द का आसरा कर दिया।।
©️अजय कुमार पाण्डेय
हैदराबाद
08 मई 2020
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