अभिव्यक्ति की आज़ादी

अभिव्यक्ति की आज़ादी                                                                                   

माना अभिव्यक्ति की आज़ादी है 
जैसा चाहो वैसा बोलो 
पर ध्यान रहे इतना दिल में 
जब भी बोलो तोल मोल कर बोलो | 

दिल की साड़ी बातें बोलो 
पर शब्दों की तीक्ष्णता से 
शांत फ़िज़ा में ज़हर न घोलो 
जब भी बोलो तोल मोल कर बोलो | 

कल चौराहे पर महफ़िल देखी 
बात चल रही रही थी अभिव्यक्ति की 
गाली से संवाद पटा था 
देशद्रोह के नारों से 
शर्मिंदा आकाश हुआ था | 

अभिव्यक्ति का  मतलब - क्या 
 देशद्रोह  के नारे हैं 
ऐसे नारे देने वाले- क्यों 
कुछ नेताओं के प्यारे हैं | 

ऐसे नारों के कारण 
मेरा दिल भी भी दुःखता है 
कोई कितना प्रलाप करे  
ये तीर जिगर में चुभता है | 

क्या लगता है वो आतंकी 
गीत तुम जिसका गाते हो 
क्यों करते हो छेड़ वहां 
तुम जिस थाली में खाते हो | 

पाक परस्ती इतनी प्यारी 
के भारत को भूल गए 
जिस कोख ने जन्मा तुमको 
उसी कोख को भूल गए | 

आज़ादी का मतलब क्या 
भारत को खंडित करना है 
या आज़ादी  के नाम पे बोलो 
आतंकी को महिमामंडित करना है | 

पत्थरबाजों के साथ खड़े हो 
क्यों स्तर अपना गिराते हो 
इसी माटी ने पहचान तुम्हें दी 
क्यों इसको भूल जाते हो  | 

आज़ादी का असली मतलब 
वीर सुभास ने जाना था 
असली आज़ादी क्या होती है 
"आज़ाद " जी ने पहचाना था | 

जिसकी खातिर राणा प्रताप जी ने 
घास की रोटी खाई थी 
जिसके लिए लक्ष्मीबाई, मंगलपांडे जी ने 
अपना सब कुछ त्याग दिया | 

जिस आज़ादी की खातिर  
भगत सिंह जी ने बलिदान दिया 
उस आज़ादी के नारों का 
क्यों तुमने अपमान किया? 

भूल गए उस माटी को 
जिसने तुमको सम्मान दिया 
ऐसे नारों के वाहक को 
अब आज सीखना है 
अभिव्यक्ति की असली आज़ादी से 
उनका परिचय करवाना है || 

अजय कुमार पाण्डेय 

हैदराबाद 

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