एक सवाल
ज़िंदगी के प्रश्नपत्र का एक ही सवाल है
आज इस जहां में क्यूँ हर शख्स बेहाल है ,
हर तरफ भागमभाग और तेज रफ़्तार है
कब कहाँ क्या मिले बस यही ख्याल है |
हर ख़ुशी मिल सके बस यही प्रयास है
आज नहीं तो कल मिले मन में ये विश्वास है |
आज के हसीन पल मन में यूँ बसा लें हम
जो होना था हो गया, आज सब भुला दें ग़म |
आज है जो ये शमा कल ये फिर हो न हो
काल का है क्या पता कब हमें पुकार ले |
इस हसीन पल में चलो ज़िंदगी गुज़र दें ||
अजय कुमार पाण्डेय
हैदराबाद
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