विश्वास

                  विश्वास              

समय चक्र चलता है, हर शय बदलता है 
दुनिया बदली लोग बदले, 
लोगों के सोच का अंदाज़ बदला 
पर हासिल क्या हुआ, सब तो वैसा ही है 
बरसों पहले जैसा था | 
चोरी,डकैती,अपहरण,छेड़छाड़,बलात्कार,
क्या यही है बापू के सपनों का आकार 
रामराज्य आएगा,चंहु ओर सुख शांति लाएगा | 
पर कहाँ है राम, कहाँ है वो राज्य 
जिस ओर नज़र डालो,
 फैला है अराजकता का साम्राज्य 
क्या ये चिरकाल तक चलता रहेगा 
हर शख्स  यूँ ही  डरता रहेगा 
कभी तो दिन बहुरेंगे 
कभी तो अँधेरे छटेंगे 
पर कलयुग में है किसका इंतज़ार 
क्या फिर से लेगा कोई कृष्ण अवतार 
बहुत हो चूका अब तो जागो  
कोई देगा साथ ये विचार मन से त्यागो 
पाप-पुण्य का भेद को आज जता दो 
हर दिल से आतंक मिटाकर, 
प्यार की ज्योति जगा दो 
हमें है विश्वास के हम होंगे कामयाब 
मिलेगी मंज़िल हमें, फिर से आएगा रामराज्य || 

अजय कुमार पाण्डेय

हैदराबाद 


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