हंस कर चलना होगा

हंस कर चलना होगा


फूल खिले हों पथ में
या कांटों का अंबार मिले
सहज भाव से सब मिल जाये
या संघर्षों की राह मिले
तुझे हर पल इसपे डटना होगा,
जीवनपथ चाहे जैसा हो
तुझे हंसकर इसपे चलना होगा।।

हार मिले या जीत मिले
या जीवन अमृत मिले
क्या ग़ैरों से और क्या अपनों से
मान मिले या अपमान मिले
ये सब तुझको सहना होगा।
कैसा भी हो ये जीवनपथ
तुझे हंसकर इसपे चलना होगा।।

जीवन है आकाश के जैसा
संघर्ष तेरा है ध्रुवतारा
आत्मबल को शस्त्र बना
कवच बना तू स्वाभिमान को
अपनी इस ताकत से तुझको
विपदाओं को निःशस्त्र करना होगा।
जीवनपथ कैसा भी हो
तुझे हंसकर इसपर चलना होगा।।

अजय कुमार पाण्डेय

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