मौसम बदला न बदला नसीब

गौतम गोविंदा फ़िल्म का गाना 
इक रुत आये इक जाए
मौसम बदले न बदले नसीब...
की तर्ज पर  गीत----

मौसम बदला न बदला नसीब

सत्ता आये सत्ता जाए
मौसम बदला न बदला नसीब।

जब जब आये यही दोहराए
मैं बदलूँगा देश का नसीब 
पर सालों से वैसा है सब
मौसम बदला न बदला नसीब।।

आंख तरस जाती दर्शन को 
नहीं आते हैं
पर बाद पांच बरस के
खुद ही आ जाते हैं
इक-इक वोट की खातिर वो
पग पग शीश नवाते हैं
क्या ऊंचा क्या नीचा
क्या अमीर और क्या गरीब
पर सालों से सब वैसा ही है
मौसम बदला न बदला नसीब।।

बंजर होती धरती 
पर प्यासा है गरीब
तक तक तरसे आंखें
कोई न आता करीब
बरस बरस वादे दरद बढाये
सत्ता आये सत्ता जाए
मौसम बदले न बदले नसीब।।

मिल जुल करके रहना था
पर भूल गए
स्वार्थ में अंधे हो करके
सब टूट गए
राजनीति के चंगुल में पड़ 
भूल गए सब अपना वजूद
सत्ता आये सत्ता जाए 
मौसम बदले न बदले नसीब।।

भूख कुपोषण और गरीबी
अपमान कराए
विश्व पटल पर कैसे
अपना मान बढ़ाएं
जन गण मन के हे रखवालों
अब तो करो तुम कोई उपाय।
सत्ता आये सत्ता जाए
मौसम बदला पर
क्यूँ न बदला नसीब।।

अजय कुमार पाण्डेय

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