🌷ग़ज़ल- मुझसे कहते यहाँ
गर शिकायत थी तो मुझसे कहते यहाँ
न यूँ दूर तो मुझसे रहते यहाँ
बात ऐसी न थी जिसका हल ही न हो
बात दिल में जो थी दिल से सहते यहाँ
पास जो था हमारे तुम्हें भी दिया
क्या तुम्हें चाह थी मुझसे कहते यहाँ
दोष किस्मत का हरदम तो होता नहीं
जो मिला उसमें ही सुख से ही रहते यहाँ
तोड़ देना ही हरदम मुनासिब नहीं
दिल से दिल जोड़ कर फिर से रहते यहाँ
✍️अजय कुमार पाण्डेय
हैदराबाद
25 अगस्त, 2024
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