करवा चौथ
अच्छा लगता प्रिये मुझे बस साथ तुम्हारे रहना
एक जनम क्या जनम-जनम का रिश्ता तेरा-मेरा
अच्छा लगता प्रिये मुझे बस तुमसे जुड़ कर रहना
तन भी सुंदर मन भी सुंदर सुंदरता की मूरत हो
अच्छा लगता प्रिये देखना तुमको ऐसे सजना
छत पर रात चाँद देखना धीरे से मुस्काना
अच्छा लगता प्रिये तुम्हारा फिर से दुल्हन बनना
छलनी के पीछे चुपके से नयनों का मुस्काना
अच्छा लगता अर्पित जल से व्रत का पारन करना
प्रेम भावना त्याग समर्पण विश्वासों की डोरी
अच्छा लगता प्रिये हमारे रिश्ते का यूँ बढ़ना
©✍️अजय कुमार पाण्डेय
हैदराबाद
02नवंबर, 2023
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