प्रतीक्षा
तुमसे सभी गीत हैं औ तुमसे सभी साज हैं।
तुममें बसे जिंदगी के मेरे सभी साज हैं।
मेरे मौन की यहाँ एक तुम्हीं आवाज हो,
तुममें मेरी जिंदगी की छुपे सभी राज हैं।
कि आ भी जाओ अब यहाँ ये रास्ते पुकारते।
छू के आधरों को मेरे बाँसुरी दुलारते।
यादों में तुम्हारे कैसे दिन मेरे गुजर रहे,
थक रही हैं पलकें मेरी राह को निहारते।
जो आ न सको तुम यहाँ तो दूर से पुकार लो।
तेरी यादों में बसूं इतना तो अधिकार दो।
बस यूँ ही बीत जाये न ये दिन इंतजार में,
आ के मेरी सपनों को फिर नया संसार दो।
©✍️अजय कुमार पाण्डेय
हैदराबाद
30अक्टूबर, 2023
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