पिता दिवस।
वो पिता दिवस
पर क्या लिखेगा
चंद पसीने की बूँदें,
सिलवट भरे कपड़े
अनसुलझे सवालात,
कुछ जज्बात लिखेगा।
कब कहा उसने कि
उसका भी
एक दिन मुकर्रर हो
हाँ,
कुछ कहे अनकहे सपनों पर
बस मुस्कुराकर
हालात लिखेगा।।
©✍️अजय कुमार पाण्डेय
हैदराबाद
18जून, 2023
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