अधूरे गीत।
कुछ शब्द अधूरे हैं, इन गीतों में अब भी
कुछ शब्द मिला कर के, पूरा हम भर दें।
बीते कितने ही दिन, बीती कितनी रातें
हैं कहीं अधूरी कुछ, हैं पूरी कुछ बातें
कुछ बात सँभालो तुम, कुछ बात सँभालें हम
इस खालीपन को हाँ, फिर पूरा हम भर दें।
मेरी आवाजों से, आवाज मिला दो तुम
जो भूले बिसरे हैं, वो साज मिला दो तुम
जो दर्द कहीं पर हो, फिर उसे भुला कर हम
इस सूनेपन को फिर, सपनों से हम भर दें।
कुछ बची कहीं अब भी, बिखरी वो रातें हैं
शायद यादों में ही, बाकी सौगातें हैं
जो पास बचा है कुछ, फिर उसे सजा कर हम
इन बिखरी साँसों को, उम्मीदों से भर दें।
©✍️अजय कुमार पाण्डेय
हैदराबाद
13जून, 2023
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