तेरी मेरी कहानी।
ये अंबर झूम कर गाएगा धरती मुस्कुराएगी
कभी काँटे मिलेंगे और कभी फूलों की बरसातें
हों चाहे जैसा भी मौसम फिजायें गीत गाएंगी।।
बनूँ मैं गीत जीवन का तुम्हारे दिल में बस जाऊँ
के जो भी गीत तुम गाओ बस वो ही गीत मैं गाऊँ
नहीं मुझको तमन्ना चाँद की तारों की बरातों की
तुम्हारा साथ जो पाऊँ मैं नूतन प्रीत लिख जाऊँ।।
मैं अपने गीत गजलों में तुम्हारा नाम लिखता हूँ
हो भले कितनी तपिश मैं तो सुहानी शाम लिखता हूँ
मचलती हैं हवाएँ जब भी छूकर मेरे भावों को
तुम्हें राधा मैं लिखता हूँ और खुद श्याम लिखता हूँ।।
के जितने गीत हैं लिखे सभी में तेरी कहानी है
बना जो मैं दीवाना तो बनी तू भी दीवानी है
तुम्हारे प्रीत में बसकर यही बस मैंने है जाना
मैं कान्हा तुम्हारा हूँ तू मेरी राधा रानी है।।
©️✍️अजय कुमार पाण्डेय
हैदराबाद
14सितंबर, 2021
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें