स्वप्न सुंदर दे गए।

स्वप्न सुंदर दे गए।   

दो घड़ी तुम पास आकर स्वप्न सुंदर दे गये
शांत सागर की लहर में व्यग्र हलचल दे गए।।

गुदगुदा कर भावनाएँ बात अपनी कह दिया
पाश में भरकर मुझे मदहोश ऐसे कर दिया
पुष्प अधरों पर खिले औ नयन में अठखेलियाँ
प्रीत के अहसास से तुमने हृदय को भर दिया।
प्रीत का मधुमास दे श्रृंगार सुंदर दे गए
दो घड़ी तुम पास आकर स्वप्न सुंदर दे गए।।

थम गया था वक्त उस क्षण जब मिले दो प्राण प्रिय
मुक्त बंधन सब हुए थे जब खुले श्रृंगार प्रिय
मन की ड्योढ़ी पे लाखों दीप उस क्षण जल उठे
जब मिले थे दो हृदय ले मुक्त इक अहसास प्रिय।
उस मिलन के क्षण में मधुर गान सुंदर दे गए
दो घड़ी तुम पास आकर स्वप्न सुंदर दे गए।।

©️✍️अजय कुमार पाण्डेय
       हैदराबाद
      05जून, 2021

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

प्यार में पीर लें पीर को प्यार दें

 प्यार में पीर लें पीर को प्यार दें एक दूजे को हम इतना अधिकार दें, के प्यार में पीर लें पीर को प्यार दें। एक कसक सी न रह जाये दिल में कहीं, ...