अभिनय
दुनिया ये इक रंगमंच है
नित नूतन दिखता व्यवहार
अभिनय की श्रेणी पर निर्भर
जीवन के सारे व्यापार।।
कोई रोता कोई हंसता
कोई सोता कोई जगता
हर मौके पर सबको अपना
अभिनित अभिनय ही है जँचता।
दूजे का सत भी लागे है
दोयम दर्जे का व्यवहार।
दुनिया ये इक रंगमंच है
नित नूतन दिखता व्यवहार।।
घूमो सारे बाजारों में
चौराहों या चौबारों में
हर चौक पर लाखों चेहरे
चिन्हित इच्छित सबका व्यवहार।
अभिनय सफल वही है समझो
जो ढल जाए मौसम अनुसार।
दुनिया ये इक रंगमंच है
नित नूतन दिखता व्यवहार।।
✍️ ©️अजय कुमार पाण्डेय
हैदराबाद
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