चुनमुन आया चिड़ियाघर
करने लगा वहां खटरपटर
देख के सबकुछ लगा झूमने
इधर-उधर फिर लगा घूमने।
बंदर, भालू, हाथी घोड़े
किसको देखे किसको छोड़े
हाथ छुड़ाकर फिर वो भागा
इक इक कर सब बाड़े दौड़े।
रंग बिरंगी चिड़िया देखा
शेर, हिरण औ चीता देखा
जब देखा बंदर का बच्चा
शैतानी करने की सोचा।
केला लेकर उसे चिढ़ाता
रह रहकर उसको ललचाता
सुनकर हलचल बंदर जागा
छीन हाथ से केला भागा।
चुनमुन डर कर लगा हांफने
घबराहट में लगा कांपने
कान पकड़ फिर माफी मांगी
कभी करेगा ना बदमाशी।।
✍️©️अजय कुमार पाण्डेय
हैदराबाद
06जुलाई,2020
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