मिल गयी

     
               मिल गयी।  

तुम मुझे मिल गए
ज़िंदगी मिल गयी,
ख्वाब पूरे हुए
हर खुशी मिल गयी।।

दिल चुराने की अदा
सीखे तुमसे कोई,
लूट गए हम मगर
ज़िंदगी मिल गयी।।

इक पल की दूरी
अब सही जाए न,
हो कि तुमसे अलग
अब जिया जाए न।।

खुशनसीबी मेरी मुझको
तुम मिल गयी,
तेरी बाहों में मुझे
हर खुशी मिल गयी।।

अंधेरों से कह दो
अब मुझे डर नही,
तेरे रूप में 
रोशनी मिल गयी।।

तुम मुझे मिल गए
ज़िंदगी मिल गयी।।

©️✍️अजय कुमार पाण्डेय
         हैदराबाद
   ✍️15 मई, 2020✍️


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