मेरी पुत्रियों द्वारा निर्मित चित्र
चित्र चिंतन-हंसों का जोड़ा।
दो हंसों का जोड़ा
नैनों में यूँ समाया है
लगता है फुर्सत से जैसे
ईश्वर ने बनाया है।।
नील गगन की छांव तले
खुली हवा के झोंकों में चहके
झूम-झूम अठखेलियाँ करते
सुरम्य दृश्य बनाया है।
दो हंसों का जोड़ा
नैनों में यूँ समाया है।।
रंग-बिरंगी, जगमग दुनिया
पर पल-पल रंग बदलती दुनिया
ऐसे मायावी जग में भी
सुघड़ श्वेत रंग पाया है।
दो हंसों का जोड़ा
नैनों में यूँ समाया है।।
पवित्र आत्मा, पवित्र है रिश्ता
पवित्र भाव है, पवित्र है दृढ़ता
अवसादों में भी संग-संग रह
दृष्टांत यही समझाया है।
दो हंसों का जोड़ा
नैनों में यूँ समाया है।।
अजय कुमार पाण्डेय
हैदराबाद
27मार्च 2020
Bahut sunder
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