बनारस

बनारस

दुनिया खातिर मात्र शहर है,
अपनी तो है जान बनारस।
इटली पेरिस सबके होंगे,
अपनी तो है शान बनारस।
गली मुहल्ले घाट बनारस,
सड़क-सड़क पर हाट बनारस।
गंगा का है घाट बनारस,
जीवन का है ठाठ बनारस।
साड़ी है श्रृंगार बनारस,
है भक्ति का संसार बनारस।
शिक्षा का है केंद्र बनारस,
कण-कण है सर्वेन्द्र बनारस।
मस्ती का है नाम बनारस,
घर-घर इसका धाम बनारस।
वेदों का है मंत्र बनारस,
ज्ञान-ध्यान है तंत्र बनारस।
इक दूजे का प्यार बनारस,
गीता का है सार बनारस।
मस्ती में मशगूल बनारस,
सृष्टी का है मूल बनारस।
सत्य कामना सोच बनारस,
जीवन, मृत्यु मोक्ष बनारस।

✍️©अजय कुमार पाण्डेय
         हैदराबाद
         22 जनवरी, 2024



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