कैसे अलविदा कह दूँ
बता जिंदगी कैसे, मैं अलविदा कह दूँ।
बस अभी-अभी ही तो, शुरू हुआ है सफर,
कैसे कह दूँ मैं कि, बड़ी लंबी है डगर।
जाने किस मोड़ पे, सवालात हो जाये,
बता जिंदगी कैसे, मैं अलविदा कह दूँ।
कितने सपने हैं सजाए, इन पलकों में,
कितने वादे हैं छुपाए, इन अलकों में।
क्या पता किस मोड़ पे, वो साथ हो जायें,
बता जिंदगी कैसे, मैं अलविदा कह दूँ।
बीत चुकी कितनी, कितनी कहानी बाकी,
अब भी अधरों पे, उनकी निशानी बाकी।
क्या पता फिर से वही, बरसात हो जाये,
बता जिंदगी कैसे, मैं अलविदा कह दूँ।
©✍️अजय कुमार पाण्डेय
हैदराबाद
16 जून, 2024
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