मुक्तक
मुक्त पलकों की अदायें क्यूँ न भरमाये
नित्य पावस कर रही हों जिसका आचमन
क्यूँ न पाकर पास उसको मन ये हर्षाये।।
©✍️अजय कुमार पाण्डेय
हैदराबाद
25नवंबर, 2022
प्यार में पीर लें पीर को प्यार दें एक दूजे को हम इतना अधिकार दें, के प्यार में पीर लें पीर को प्यार दें। एक कसक सी न रह जाये दिल में कहीं, ...
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